जिस बात का डर था, वही हुआ. दरअसल, इस बात की आशंका थी कि अमेरिकी शेयर बाजार की तरह एक बार फिर भारतीय बाजार में कोरोना का असर दिख सकता है, हुआ भी कुछ ऐसा ही.
सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार को सेंसेक्स खुलने के साथ 350 अंक लुढ़क कर 31 हजार के स्तर पर था तो वहीं निफ्टी भी करीब 30 अंक की गिरावट के साथ 9,100 अंक के स्तर पर था. लेकिन कुछ देर बाद भारतीय बाजार में रिकवरी भी दिखी और सेंसेक्स-निफ्टी हरे निशान पर कारोबार करते दिखे. शेयर बाजार में बढ़त दोपहर बाद भी जारी रही.
और आखिरी घंटे में बिकवाली
वहीं कारोबार के आखिरी कुछ मिनटों में एक बार फिर बिकवाली लौट आई और सेंसेक्स—निफ्टी बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए. कारोबार के अंत में सेंसेक्स 810.98 अंक यानी करीब 2.58 फीसदी लुढ़क कर 30,579.09 अंक पर बंद हुआ. निफ्टी 230.35 अंक लुढ़क कर 8,967.05 अंक पर बंद हुआ.
बाजार के जानकारों का कहना है कि निवेशक अभी स्थायी निवेश नहीं बल्कि कमा कर निकलने के मूड में नजर आ रहे हैं, यही वजह है कि आखिरी घंटे में बाजार में अचानक बड़ी बिकवाली देखने को मिली. इसके अलावा मूडीज की ओर से भारत की ग्रोथ रेट कम करने का भी असर देखने को मिला.
बता दें कि मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को एक बार फिर से घटा दिया है. मूडीज ने मंगलवार को भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 2020 के कैलेंडर ईयर के लिए घटाकर 5.3 फीसदी कर दिया है.
दोपहर 1.30 बजे ये रहा सेंसेक्स का हाल
हालांकि, कारोबार के दौरान बीते दिन के लिहाज से सेंसेक्स ने 3000 अंकों से अधिक की रिकवरी की. वहीं निफ्टी भी निचले स्तर से करीब 800 अंक रिकवर हुआ.
सुबह 9.40 में सेंसेक्स का हाल